कई Moडर्न कुछ हिंग्लिSh… दोहे
Surjeet Kumar
Casa editrice: Surjeet Kumar
Sinossi
भाषा सहयोग के युग में, मैं कई दोहे में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग करने का प्रयास कर रहा हूँ। जो बाँकी दोहो से इस पुस्तक में निहित दोहों को अलग बनाती है। इस पुस्तक में हास्य , सत्य, कटाक्ष, कटुता के साथ- साथ आधुनिक युग में बदलती हुई परिभाषायों को चिन्हित किया गया है जो आपको अंत तक बांधे रखेगा। मुझे वर्ष 2008 की लोहड़ी के समारोह का वह क्षण याद है, जब मैंने पहली बार कहानी के रूप में दोहे का पाठ किया था। समारोह के मुख्य अतिथि पंडित जी, हमारे प्रधानाध्यापक महोदय, शिक्षकगण, मेरे मित्र और विद्यार्थियों ने खूब आनंद उठाया और इसकी खूब सराहना की थी। उस समय तक मैंने कभी सोचा भी नही था कि एक दिन मेरा शौख किसी किताब का रूप ले लेगा।