Dukh Ki Dava (Original recording - voice of Sirshree) - Dukh se mukt aanandit jeevan ki oor
Sirshree
Narrator Sirshree, Bharati Masurkar
Publisher: WOW Publishings
Summary
दुःख की समझ, दुःख का इलाज क्या वाकई जिसे हम दुःख समझते हैं, वह दुःख है? अगर यह सवाल अपने आपसे पूछा जाय तो आपके पचास प्रतिशत दुःख तुरंत समाप्त हो जायेेंगे, अभी इसी वक्त क्योंकि दुःख की समझ ही दुःख का इलाज है! इंसान बचपन से ही जीवन के हर मोड पर दुःख का अनुभव करता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी के दुःख अलग-अलग होते हैं। हर दुःख का इलाज इस पुस्तक में बताया गया है। इंसान को दुःख क्यों होता है, किन कारणों से दुःख होता है और इन दुःखों से हमेशा के लिए मुक्ति पाने की दवा भी इस पुस्तक में बताई गई है। आइए, जानें अपने दुःख की दवा क्या है- 1. दुःख का स्थान भूत और भविष्य में है इसलिए हमेशा वर्तमान में रहना सीखें। 2. हर एक को अपना दुःख बताना बंद करें, इससे दुःख कम नहीं होगा बल्कि और बढ़ेगा। 3. जब भी दुःख आए तो कहें, ‘इस समय मेरे मन में दुःख के विचार पास हो रहे हैं।’ 4. जब भी दुःख आए तब प्रार्थना करें और प्रार्थना में हमेशा सकारात्मक और भक्तियुक्त शब्द कहें। 5. जिस भी ईश्वर में, अल्लाह में आपका विश्वास हो, उस ईश्वर के सामने हर दिन सुबह अपनी सफलताएँ, अपने रिश्तेदार, अपने दुःख एक साथ रख दें यानी इनका भोग लगायें।
Duration: about 1 hour (01:18:22) Publishing date: 2020-06-01; Unabridged; Copyright Year: — Copyright Statment: —