The Present Global Crises - HINDI EDITION - School of the Holy Spirit Series 10 of 12 Stage 1 of 3
Lambert Okafor
Publisher: Midas Touch GEMS
Summary
वर्तमान वैश्विक संकट ...इस ग्रह के इतिहास में मानव जीवन को इतना ख़तरा पहले कभी नहीं हुआ... कई खतरों से, जो लगभग एक ही समय में सामने आ रहे हैं, और वह समय वर्ष के बहुत करीब है... -डॉ जॉर्ज वाल्ड अग्रणी वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता) ...हमारी सभ्यता रेखा के अंत तक पहुँच रही है... और मानव जाति का अस्तित्व ख़तरे में है। हम हैं अपरिवर्तनीय जलवायु परिवर्तन की दहलीज पर खड़ा है। -मिखाइल गोर्बाचेव (सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति) ...मैं स्वयं एक डरा हुआ आदमी हूं। मैं जितने भी वैज्ञानिकों को जानता हूं वे डरे हुए हैं, अपने जीवन को लेकर डरे हुए हैं... - प्रोफेसर हेरोल्ड यूरे 8 (नोबेल पुरस्कार विजेता) और परमेश्वर का वचन कहता है: ...मनुष्य के मन भय के कारण, और जो कुछ पृथ्वी पर आनेवाला है, उसे देखने से थक जाएंगे, क्योंकि स्वर्ग की शक्तियां हिल जाएंगी...(लूका 21:26)।