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Jiddu Krishnamurti - cover
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Jiddu Krishnamurti

Amol Raikar, Vinitha R

Narrador Nandkishore Panday

Editorial: Storytel Original IN

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Sinopsis

"जीवन नदी की तरह सतत प्रवहमान है, लेकिन हम स्वेच्छा से अपना पृथक तालाब खोद लेते हैं और जीवन-प्रवाह से कट जाते हैं. नदी की तरह सक्रिय रहने से ही हम लगातार विकास कर सकते हैं."
तमिलनाडु के एक छोटे-से नगर में गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्मे कृष्णमूर्ति में ऐनी बेसेंट को विश्वगुरू बनने के गुण दिखे थे. उन्होंने कृष्‍णामूर्ति को गोद ले लिया. कृष्णमूर्ति के विचारों के जन्म को उसी तरह माना जाता है जिस तरह की एटम बम का अविष्कार के होने को. कृष्णमूर्ति ने दुनिया में जो बौद्धिक विस्फोट किया उसने अनेकों विचारकों, साहित्यकारों और राजनीतिज्ञों को अपनी जद में ले लिया. 1927 में एनी बेसेंट ने उन्हें 'विश्व गुरु' घोषित किया लेकिन दो साल बाद ही कृष्णमूर्ति ने थियोसोफ़िकल विचारधारा से किनारा कर लिया. कृष्णमूर्ति ने 'आर्डर ऑफ दि स्टार' के हॉलैंड स्थित एक कैम्प में यह कहकर सबको चौंका दिया कि 'सच तो एक अंजान पथ है. कोई भी संस्था, कोई भी मत सच तक रहनुमाई नहीं कर सकता.' अंत में उन्होंने अपनी संस्‍था को ये कह कर भंग कर दिया कि "अब से कृपा करके याद रखें कि मेरा कोई शिष्य नहीं हैं, क्योंकि गुरु तो सच को दबाते हैं. सच तो स्वयं तुम्हारे भीतर है...सच को ढूँढ़ने के लिए मनुष्य को सभी बंधनों से स्वतंत्र होना जरूरी है."
Duración: alrededor de 1 hora (00:47:19)
Fecha de publicación: 22/09/2021; Unabridged; Copyright Year: 2021. Copyright Statment: —